
खेती के लिए जमीन का समतल होना बेहद जरूरी होता है। अगर जमीन उबड़-खाबड़ है, यानी ऊंची-नीची और असमान है, तो इससे न सिर्फ फसल बोने और काटने में दिक्कत होती है, बल्कि पानी का इस्तेमाल भी ज्यादा करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में किसानों के लिए एक बेहतरीन समाधान है लेजर लैंड लेवलर मशीन। यह मशीन ट्रैक्टर के साथ काम करती है और जमीन को एकदम सपाट बना देती है। इससे खेती आसान हो जाती है, पानी की बचत होती है और फसल की पैदावार भी बढ़ती है। अच्छी बात यह है कि सरकार भी किसानों की मदद के लिए आगे आई है और इस मशीन की खरीद पर 50% तक की सब्सिडी दे रही है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं कि यह मशीन कैसे काम करती है, इसके फायदे क्या हैं और इसे सस्ते में कैसे हासिल किया जा सकता है।
उबड़-खाबड़ जमीन का नुकसान और समाधान
जमीन का असमान होना किसानों के लिए हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है। ऐसी जमीन पर ट्रैक्टर चलाना मुश्किल होता है, बीज बोने में एकरूपता नहीं रहती और पानी भी ठीक से नहीं फैलता। कहीं पानी ज्यादा जमा हो जाता है तो कहीं सूखा रह जाता है। इससे फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और मेहनत के बावजूद अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता। लेकिन लेजर लैंड लेवलर मशीन इस समस्या को जड़ से खत्म कर देती है। यह एक आधुनिक तकनीक वाली मशीन है, जो लेजर की मदद से जमीन को इतना समतल कर देती है कि पानी का वितरण एकसमान हो जाता है। इससे न सिर्फ पानी की बचत होती है, बल्कि फसल की पैदावार भी बढ़ती है। यह मशीन ट्रैक्टर से जुड़कर काम करती है और इसे चलाना भी ज्यादा मुश्किल नहीं है।
सरकार की सब्सिडी योजना
किसानों की मेहनत को आसान बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन्हीं में से एक है कृषि यंत्र अनुदान योजना। इस योजना के तहत लेजर लैंड लेवलर मशीन पर 50% की सब्सिडी दी जा रही है। अब सवाल यह है कि इस मशीन की कीमत कितनी है? बाजार में इसकी कीमत 1.25 लाख रुपये से शुरू होकर 4.75 लाख रुपये तक जाती है, जो मॉडल और कंपनी के हिसाब से बदलती है। लेकिन सब्सिडी के बाद किसानों को यह आधी कीमत में मिल सकती है। यानी अगर कोई मशीन 2 लाख रुपये की है, तो सब्सिडी के बाद आपको सिर्फ 1 लाख रुपये ही देने होंगे। यह किसानों के लिए बहुत बड़ी राहत है, क्योंकि इतने कम खर्च में वे अपनी खेती को बेहतर बना सकते हैं।
हालांकि, इस सब्सिडी का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। आवेदन करते समय आपको 6500 रुपये की धरोहर राशि जमा करनी होगी, जो डिमांड ड्राफ्ट (DD) के जरिए देनी होती है। यह राशि एक तरह की सिक्योरिटी है। जब आपका नाम सब्सिडी के लिए चुन लिया जाता है, तो यह पैसा आपको वापस कर दिया जाता है। यानी आपको इसके लिए अलग से कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ता।

जरूरी दस्तावेज क्या-क्या चाहिए?
इस मशीन को सब्सिडी पर लेने के लिए आपको आवेदन करना होगा। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज चाहिए, ताकि आपकी पहचान और जमीन का मालिकाना हक साबित हो सके। इनमें सबसे जरूरी है 6500 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट। इसके अलावा आपको निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखने होंगे:
- आधार कार्ड: आपकी पहचान के लिए।
- खसरा/खतौनी: यह आपकी जमीन का रिकॉर्ड होता है, जो साबित करता है कि जमीन आपकी है।
- ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट: क्योंकि यह मशीन ट्रैक्टर से चलती है, इसलिए ट्रैक्टर का होना जरूरी है।
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर: सारी जानकारी और अपडेट्स इसी पर आएंगे।
- बैंक खाते का विवरण: सब्सिडी का पैसा सीधे आपके खाते में आएगा।
इन दस्तावेजों को जमा करने के बाद ही आपका आवेदन पूरा माना जाएगा। इसलिए इन्हें पहले से तैयार रखें, ताकि आखिरी समय में परेशानी न हो।
आवेदन कैसे करें?
अब बात आती है कि यह सब्सिडी कैसे हासिल की जाए। मध्य प्रदेश सरकार ने इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है, जिसका नाम है ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल। इसकी आधिकारिक वेबसाइट है: https://farmer.mpdage.org/Home/Index। आपको इस वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। प्रक्रिया बहुत आसान है:
- वेबसाइट पर जाएं और रजिस्ट्रेशन करें। अगर आपने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो अपने नजदीकी एमपी ऑनलाइन कियोस्क या सीएससी सेंटर पर जाएं। वहां बायोमेट्रिक आधार और अथेंटिकेशन के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाएं।
- रजिस्ट्रेशन के बाद पोर्टल पर लॉगिन करें।
- लेजर लैंड लेवलर मशीन के लिए आवेदन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
- 6500 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट तैयार करें और उसकी डिटेल्स भी फॉर्म में डालें।
- फॉर्म सबमिट कर दें।
आवेदन की आखिरी तारीख 8 अप्रैल 2025 है। इसके बाद 9 अप्रैल 2025 को लॉटरी निकाली जाएगी, जिसमें चयनित किसानों के नाम घोषित होंगे। जिनका नाम लॉटरी में आएगा, उन्हें यह मशीन सब्सिडी पर मिल जाएगी।
क्यों जरूरी है यह मशीन?
खेती में समय और संसाधनों की बचत बहुत मायने रखती है। लेजर लैंड लेवलर मशीन न सिर्फ जमीन को समतल करती है, बल्कि लंबे समय तक किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है। समतल जमीन पर खेती करने से पानी की जरूरत 20-30% तक कम हो जाती है। साथ ही, फसल की पैदावार में भी 10-15% की बढ़ोतरी देखी गई है। यह मशीन एक बार का निवेश है, लेकिन इसका फायदा सालों तक मिलता है। सरकार की सब्सिडी इसे और भी किफायती बना देती है।
कुछ सावधानियां
आवेदन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। सबसे पहले, सही दस्तावेज जमा करें और समय सीमा का पालन करें। अगर आप आखिरी तारीख से चूक गए, तो अगले मौके का इंतजार करना पड़ सकता है। दूसरा, अगर आपको ऑनलाइन प्रक्रिया समझने में दिक्कत हो रही है, तो किसी जानकार या सीएससी सेंटर की मदद लें। तीसरा, लॉटरी सिस्टम पर निर्भर होने की वजह से चयन की गारंटी नहीं है, इसलिए धैर्य रखें।
निष्कर्ष
लेजर लैंड लेवलर मशीन किसानों के लिए एक वरदान है। यह न सिर्फ खेती को आसान बनाती है, बल्कि लागत कम करके मुनाफा बढ़ाती है। सरकार की 50% सब्सिडी इसे हर किसान की पहुंच में ला रही है। अगर आपके पास ट्रैक्टर है और जमीन उबड़-खाबड़ है, तो यह मौका हाथ से न जाने दें। 8 अप्रैल 2025 से पहले आवेदन करें और अपनी खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। यह मशीन आपकी मेहनत को सही मायने में फलदायी बना सकती है।