
हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी यह संकेत दिया था कि सरसों के बाजार में निकट भविष्य में बड़ी तेजी की उम्मीद करना जल्दबाज़ी होगी। इसके पीछे कई ठोस कारण हैं, जिनका विस्तृत विश्लेषण हमने इस रिपोर्ट में किया है। अगर आप सरसों के किसान या व्यापारी हैं, तो यह रिपोर्ट आपके लिए बेहद उपयोगी होगी—इसे अंत तक जरूर पढ़ें।
🟡 ताज़ा बाजार अपडेट
इस सप्ताह सरसों बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
- दिल्ली मंडी में सरसों की कीमत सप्ताह की शुरुआत में ₹6300 रही, जो अंत तक गिरकर ₹6200 पर पहुंच गई।
- जयपुर मंडी में सप्ताह की शुरुआत ₹6500 पर हुई, लेकिन अंत तक यह घटकर ₹6425–6450 के स्तर पर बंद हुई।
- भरतपुर मंडी में सरसों का भाव ₹6321 से गिरकर ₹6200 तक आ गया।
इस गिरावट से संकेत मिलता है कि सप्ताह के आखिरी हिस्से में बाजार थोड़ा कमजोर रहा।
सरसों की आवक पूरे सप्ताह 5 लाख बोरी के नीचे बनी रही। अधिकतम आवक 4.5 लाख बोरी और न्यूनतम 3.25 लाख बोरी दर्ज की गई। यदि आवक इसी तरह सीमित रहती है, तो जयपुर में सरसों के भाव ₹6400 के ऊपर टिक सकते हैं।
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🛢️ सरसों तेल और खल की स्थिति
- सरसों खल की कीमतों में भी कोई खास तेजी नहीं दिखी। बाजार में हल्की कमजोरी का माहौल बना रहा।
- सरसों तेल की मांग कमजोर रही:
- दिल्ली में एक्सपेलर तेल ₹1350 प्रति 10 किलो पर स्थिर रहा।
- भरतपुर, टोंक और निवाई में तेल के भाव ₹10 प्रति 10 किलो तक गिरे।
- खल का रेट दादरी में ₹2140–₹2150 प्रति क्विंटल के बीच रहा।
वर्तमान में सरसों तेल, सोया तेल से ₹12 और पाम तेल से ₹13 प्रति किलो महंगा है। इस वजह से ऊंचे भाव पर मांग अन्य तेलों की ओर शिफ्ट हो सकती है।
🏭 सरसों प्लांट्स के भाव
- सलोनी ग्रुप के शमशाबाद, दिगनेर और आगरा प्लांट्स पर सरसों का भाव सप्ताह के दौरान ₹7200 तक गया, लेकिन शनिवार को ₹7175 पर बंद हुआ।
- शारदा प्लांट (आगरा) पर रेट ₹6750,
- बीपी प्लांट पर ₹6800,
- गोयल कोटा प्लांट पर भाव ₹6300 प्रति क्विंटल रहा।
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🌍 विदेशी बाजार का प्रभाव
- मलेशिया में पाम तेल के दामों में 1.25% की गिरावट आई।
- शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) पर सोया ऑयल में भी कमजोरी रही।
इसका कारण:- ओपेक द्वारा क्रूड ऑयल का उत्पादन बढ़ाना
- वैश्विक आपूर्ति की चिंता
- बायोडीजल नीति को लेकर अनिश्चितता
इसका सीधा असर भारतीय सरसों तेल बाजार पर भी पड़ा और भावों में हल्की नरमी दर्ज की गई।
⚠️ सौदे से पहले ये बात ज़रूर ध्यान दें
- पिछले साल की तुलना में सरसों का बाजार करीब ₹700 तेज है। मार्च 2025 से अब तक ही सरसों में ₹400–₹500 की तेजी आई है।
- इतनी तेजी के बाद बाजार में मुनाफावसूली सामान्य है, जिससे कुछ ठहराव देखने को मिल सकता है।
बाजार के फंडामेंटल मजबूत हैं:
- इस समय रोज़ाना की औसत आवक 3.25–4.50 लाख बोरी है।
- पिछले साल मई में यह आवक 6 लाख बोरी तक पहुंची थी।
- इस बार की कम आवक और शादी-विवाह के मौसम में बढ़ती मांग के कारण भावों में बड़ी गिरावट की संभावना कम है।
आवक, मौसम, सरकारी खरीद और आगे की दिशा
हालांकि:
सरसों तेल की कीमतें अन्य तेलों से ₹12–₹13 प्रति किलो महंगी होने के चलते, तेज मांग में कुछ रुकावट आ सकती है। इसलिए बड़ी तेजी भी फिलहाल सीमित रह सकती है।
🔮 आगे की संभावनाएं
हमारी पूर्वानुमान के अनुसार, मई महीने में सरसों के भावों में स्थिरता या हल्की तेजी बनी रह सकती है।
- जयपुर में सरसों का भाव ₹6400 के आसपास बना रह सकता है।
- यदि विदेशी बाजार में बड़ी गिरावट नहीं हुई और अन्य स्थितियां अनुकूल रहीं,
तो दीवाली तक सरसों का भाव ₹7000 प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है।
📌 निष्कर्ष:
फिलहाल बाजार में न ज्यादा तेजी है और न ही कोई बड़ी गिरावट। जो भी किसान या व्यापारी सरसों में सौदा करने की योजना बना रहे हैं, वे बाज़ार की चाल को समझकर ही निर्णय लें।