गेहूं की कटाई के बाद खाली खेत में करें ये 2 सब्जियों की बुआई, सिर्फ 60 दिनों के अंदर होगी लाखों रूपए की मोटी कमाई, जाने नाम

इन सब्जियों की खेती बहुत फायदेमंद होती है गेहूं की कटाई के बाद इनकी बुवाई जरूर करनी चाहिए जिससे किसानों का जबरदस्त मुनाफा होता है तो चलिए जानते है कौन सी फसल की खेती है।

गेहूं की कटाई के बाद करें ये 2 सब्जियों की बुआई

अप्रैल मई में गेहूं की कटाई के बाद खेत खाली हो जाते है ऐसे में किसान खाली खेतों में इन सब्जियों की बुवाई आसानी से कर सकते है इनकी खेती में बहुत कम खर्चा आता है और कमाई बहुत जबरदस्त होती है इन सब्जियों की डिमाडं बाजार में बहुत अधिक होती है क्योकि लोग इनका सेवन करना बहुत पसंद करते है इनकी खेती में ज्यादा दिन नहीं लगते है कम समय में फसल तैयार हो जाती है तो चलिए जानते है कौन सी सब्जी की खेती है।

कुंदरू की खेती

अप्रैल मई में गेहूं की कटाई के बाद खाली खेत में किसान कुंदरू की खेती आसानी से कर सकते है कुंदरू की खेती में ज्यादा लागत-मेहनत नहीं आती है और इसकी फसल 60 दिनों में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में कुंदरू की खेती करने से करीब 300-450 क्विंटल तक की पैदावार मिलती है आप इसकी खेती से लाखों रूपए की कमाई आराम से कर सकते है।

  • कुंदरू की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु, भुरभुरी, जल निकास वाली मिट्टी उपयुक्त होती है।
  • इसकी खेती के लिए पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए फिर मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए।
  • इसकी बुवाई से पहले बीजों का उपचार जरूर करना चाहिए।
  • अच्छी पैदावार और नमी बनाए रखने के लिए सप्ताह में एक बार सिंचाई करनी चाहिए।
  • पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए नीम के तेल से बने कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए।

परवल की खेती

किसान गेहूं की कटाई के बाद खेत को खाली छोड़ने के बजाए परवल की बुवाई भी कर सकते है परवल की खेती बेहद कम दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी खेती से न केवल अधिक उपज मिलती है बल्कि इसकी डिमाडं बाजार में बहुत होती है लोग इस सब्जी का सेवन करना बहुत पसंद करते है एक हेक्टेयर में परवल की खेती करने से करीब 80 से 100 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

  • परवल की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है। 
  • परवल की खेती के लिए मिट्टी को गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट और अन्य पोषक तत्वों से तैयार करना चाहिए।
  • इसकी खेती में नियमित रूप से सिंचाई करनी चाहिए।
  • परवल के पौधों को बांस या तार का सहारा देना चाहिए ताकि बेलें जमीन पर न पड़ें।

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