
नमस्कार किसान साथियों और व्यापारी भाइयों,
जैसा कि हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में आप सभी को आगाह किया था कि केंद्र सरकार द्वारा गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाने के फैसले से बाजार में कुछ हलचल जरूर होगी, लेकिन इसका असर बहुत बड़ा नहीं होगा — अधिकतम 50 रुपये तक की मामूली गिरावट आ सकती है। और जैसा कि हमने कहा था, ठीक वैसा ही बाजार में देखने को मिला।
दिल्ली लारेंस रोड पर कीमतों में हल्की गिरावट
दिल्ली की लारेंस रोड मंडी में गेहूं के भाव में ₹15 प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिली, और बाजार ₹2745 प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। यह गिरावट बिलकुल उसी दायरे में रही जिसकी हमने पहले ही भविष्यवाणी की थी।
अन्य प्रमुख मंडियों में भी हलचल
शाहजहांपुर में श्रीराम रोलर फ्लोर मिल ने गेहूं की कीमतों में ₹40 तक की कटौती की।
मैनपुरी मंडी में गेहूं का नेट भाव ₹2670 रहा, जो कि ₹30 की गिरावट के साथ दर्ज किया गया।
इसके अलावा कई और प्रमुख मंडियों में भी गिरावट दर्ज की गई:
- पीलीभीत
- गाज़ियाबाद
- दाहोद
- सतारा
- कोलकाता
- गोरखपुर
- आगरा
- खैर
- ललितपुर
- गोंडा
- बहराइच
- पटना
इन सभी मंडियों में गेहूं के भाव में ₹20 से लेकर ₹50 प्रति क्विंटल तक की गिरावट देखने को मिली है।
अगले कुछ दिनों की संभावनाएं क्या हैं?
बाजार के जानकारों की मानें तो आने वाले कुछ दिन गेहूं के भाव में ज़्यादा उतार-चढ़ाव नहीं दिखेगा। बाजार स्थिर रहने की उम्मीद है, यानी वर्तमान स्तरों पर ही दाम रह सकते हैं। हालांकि, लंबी अवधि के नजरिए से एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आ सकता है।
सरकार की खुले बाजार में बिक्री की तैयारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार जून के आखिरी हफ्ते या जुलाई के पहले सप्ताह में ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू कर सकती है।
बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत 60 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए रखा जा सकता है। अगर यह योजना अमल में लाई जाती है, तो इसका असर निश्चित रूप से बाजार पर पड़ेगा। विशेषकर अगर सरकार गेहूं की बिक्री कम कीमत पर करती है तो बाजार पर दबाव बढ़ सकता है और भाव में 20-30-50 रुपये तक की गिरावट फिर से देखने को मिल सकती है।
सरकारी खरीद और MSP की स्थिति
फिलहाल सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2425 प्रति क्विंटल तय किया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ₹170 और राजस्थान सरकार द्वारा ₹150 प्रति क्विंटल का बोनस दिया जा रहा है।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस बार अब तक गेहूं की कुल सरकारी खरीद 300 लाख टन का आंकड़ा पार नहीं कर सकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में कम माना जा रहा है।
निष्कर्ष और सलाह
इस समय गेहूं का बाजार बहुत ही सूक्ष्म संतुलन पर खड़ा है। सरकार की नीतियां, स्टॉक लिमिट और ओपन मार्केट सेल जैसे फैसले बाजार को ऊपर-नीचे कर सकते हैं। ऐसे में व्यापार करने से पहले हर किसान भाई और व्यापारी भाई से निवेदन है कि वह बाजार की स्थिति को बारीकी से समझे और सोच-समझकर सौदा करें।
हमारी कोशिश यही है कि हम आपको सबसे सटीक और भरोसेमंद जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि आप सही समय पर सही निर्णय ले सकें।
जय जवान, जय किसान।