Mandi Bhav : सरसों के दाम में तेजी जारी, जानिए आज के ताजा मंडी भाव

Mandi Bhav सरसों के दाम
Mandi Bhav सरसों के दाम

Mandi Bhav : सरसों के दाम में तेजी जारी, जानिए आज के ताजा मंडी भाव

Mandi Bhav : हाल के दिनों में सरसों के दामों में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। देश की प्रमुख मंडियों में सरसों के भाव कभी 6000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे गिरते हैं, तो कभी इसके ऊपर चले जाते हैं। यह अस्थिरता किसानों के लिए चिंता का कारण बन रही है। ऐसे में जरूरी है कि किसान मंडी भाव और बाजार की स्थितियों को समझें और सही समय पर अपनी उपज बेचने का निर्णय लें। आइए देशभर की प्रमुख मंडियों में सरसों के ताजा भाव पर नजर डालते हैं और जानते हैं कि किसान इस स्थिति में क्या कदम उठा सकते हैं।

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प्रमुख मंडियों में सरसों के ताजा भाव (प्रति क्विंटल)

मंडी का नामसरसों भाव (₹/क्विंटल)
दिल्ली6325
खैरथल6080
अलवर6100
गंगापुर6100
मुरैना5875
जयपुर6450
टोंक6080
कोटा6075
हिसार6000
मंदसौर5500 से 5800
बीकानेर5150 से 5250
भरतपुर6130
आदमपुर6100
रावतसर5700 से 7151
ग्वालियर6100
नोहर5700 से 5800
चरखी दादरी6300
निवाई6100
सिवानी6100
बरवाला6150

सरसों के दामों में उतार-चढ़ाव के मुख्य कारण

  1. मांग और आपूर्ति का प्रभाव: बाजार में सरसों की आपूर्ति और मांग में बदलाव सीधे दामों को प्रभावित करता है।
  2. मौसम का असर: खराब मौसम या उत्पादन में कमी से दाम बढ़ सकते हैं।
  3. निर्यात और आयात नीति: सरसों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार और सरकारी नीतियों का प्रभाव बाजार पर पड़ता है।
  4. भंडारण की कमी: जिन किसानों के पास भंडारण की सुविधा नहीं होती, वे फसल तुरंत बेचने के लिए मजबूर होते हैं, जिससे दामों पर असर पड़ता है।

किसानों के लिए सुझाव

  1. ताजा मंडी भाव पर नजर रखें: किसान अपनी नजदीकी मंडियों के भाव रोजाना जांचें और सही समय पर फसल बेचने का निर्णय लें।
  2. भंडारण करें: अगर भंडारण की सुविधा उपलब्ध हो, तो फसल को तब तक रोकें जब तक बाजार में बेहतर दाम न मिलें।
  3. समूह में बेचें: किसान संगठनों या सहकारी समितियों के जरिए फसल बेचने पर अधिक लाभ मिल सकता है।
  4. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी लेकर उनका लाभ उठाएं।
  5. बाजार के ट्रेंड पर ध्यान दें: बाजार की स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को समझें और फिर निर्णय लें।

निष्कर्ष

सरसों के दामों में हो रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद किसान सही योजना बनाकर अपनी फसल का अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। नियमित रूप से मंडी भाव की जानकारी रखना और भंडारण की रणनीति अपनाना, किसानों को इस अस्थिरता से निपटने में मदद करेगा। साथ ही, सरकारी योजनाओं और बाजार विशेषज्ञों की सलाह का लाभ उठाना भी फायदेमंद रहेगा।

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