Neemuch Mandi Bhav Today : किसान भाइयों आज के दिन बता देते हैं कि नीमच मंडी में 7 दिसम्बर को लहसुन बाजार 500 रुपए तेज देखने को मिली है

किसान भाइयों आज की तारीख 7 दिसम्बर 2024 हो चुकी है आज की नीमच मंडी में आने वाली देसी लहसुन के भाव में आपको इस आर्टिकल में बताने वाला हूं आज नीमच मंडी में आवक की बात करें तो आज 3,500 बोरी देखने को मिली है इसके अलावा आज नीमच मंडी में ऊपर में देसी का बढ़िया मॉल 27,500 तक बिका है और 500 रुपए तेज देखने को मिला है चलिए जानते हैं कौन सा माल क्या भाव बिका है ।
Today Lahsun Bhav Aaj Ka
देसी लहसुन
आवक 3,500 + बोरी
देसी लहसुन ऊपर में बढ़िया माल 27,500 तक
लहसुन बाजार 500 रुपए तेज
चालनसार मॉल | 13000 | से | 14000 |
छर्री मॉल. | 15000 | से | 16000 |
मीडियम लड्डू माल. | 20000 | से | 21000 |
लड्डू माल | 21500 | से | 22000 |
मोटा माल | 23000 | से | 24000 |
फूल गोल माल | 26000 | से | 27000 |
स्पेशल मॉल | 28000 | से | 29000 |
बॉक्स क्वालिटी मॉल | 29000 | से | 29500 |
किसान भाइयों मैंने आपको बता दिया है नीमच मंडी में आज देसी लहसुन ऊपर में क्या भाव बिकी है और यहां पर आज बाजार कैसा रहा है इसके बारे में जानकारी दे दी है धन्यवाद ।
लहसुन की खेती करने का तरीका
लहसुन (Garlic) एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है जो न केवल खाद्य पदार्थों में स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी हैं। यदि आप लहसुन की खेती करना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। यहां पर हम लहसुन की खेती करने का आसान और प्रभावी तरीका बता रहे हैं।
1. भूमि की तैयारी (Soil Preparation)
लहसुन की खेती के लिए उपजाऊ और जल निकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसकी खेती अच्छे सेठ (loamy soil) या बलुई मिट्टी में की जाती है, क्योंकि ऐसी मिट्टी में पानी रुकता नहीं है और जड़ों को अच्छी हवा मिलती है। मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 7 के बीच होना चाहिए। सबसे पहले जमीन को अच्छे से हल चलाकर, इसे नरम और बारीक करें। इसके बाद, खेत में 5-10 टन गोबर की खाद या अन्य जैविक खाद डालकर उसे अच्छे से मिला लें। इससे मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी दूर हो जाती है और पौधों को सही विकास मिल पाता है।
2. लहसुन के बीज (Garlic Cloves Selection)
लहसुन की खेती के लिए बीज के रूप में पूरे लहसुन की कलियों का उपयोग किया जाता है। इन कलियों को जब अच्छी गुणवत्ता का लहसुन मिल जाए, तो उसे अच्छे से चुनें। बीज के लिए सबसे स्वस्थ, बड़ा और रोगमुक्त लहसुन इस्तेमाल करें। ध्यान रखें कि जो लहसुन आपने बीज के लिए चुना है, वह उच्च गुणवत्ता वाला हो, ताकि उसकी पैदावार अच्छी हो। एक लहसुन की कली को अलग-अलग हिस्सों में काटकर लगाया जाता है।
3. लहसुन की बुवाई (Garlic Planting)
लहसुन की बुवाई आमतौर पर अक्टूबर से नवम्बर के बीच की जाती है, जब मौसम ठंडा और सूखा हो। बुवाई के समय खेत को अच्छे से समतल कर लें और 15-20 सेंटीमीटर की दूरी पर गहरी खाइयाँ या गड्ढे बनाएं। हर गड्ढे में 2-3 इंच गहरी छेद करके उसमें एक कली डालें और ऊपर से मिट्टी छानकर दबा दें। ध्यान रखें कि लहसुन की कली की चमड़ी बाहर की ओर होनी चाहिए, ताकि पौधों का सही तरीके से विकास हो सके।
4. सिंचाई (Irrigation)
लहसुन की खेती में पानी की बहुत अधिक आवश्यकता नहीं होती, लेकिन फिर भी इसे नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है। खासतौर पर जब लहसुन के पौधे उगने लगते हैं और वृद्धि के दौरान पानी की आवश्यकता अधिक होती है। गर्मी के मौसम में सप्ताह में एक या दो बार सिंचाई करें। ठंडे मौसम में इसकी आवश्यकता कम हो जाती है। बहुत अधिक पानी से मिट्टी में जलजमाव न हो, क्योंकि इससे लहसुन की जड़ें सड़ सकती हैं।
5. खाद और उर्वरक (Fertilizers)
लहसुन के लिए खाद का उपयोग बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह पौधा पोषक तत्वों को जल्दी खपत करता है। बुवाई के समय खेत में गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें। इसके अलावा, नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश जैसे उर्वरकों का भी उपयोग करना लाभकारी होता है। फसल की वृद्धि के दौरान 2-3 बार उर्वरकों का छिड़काव करें।
6. रोग और कीट नियंत्रण (Pest and Disease Control)
लहसुन में कुछ सामान्य कीट और रोग हो सकते हैं, जैसे कि लहसुन की हल्की चुटी (garlic rust) या सफेद मक्खी। इनसे बचने के लिए आपको समय-समय पर खेत की निगरानी करनी चाहिए और अगर कीट या रोग दिखें, तो जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें। ध्यान रखें कि रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग कम से कम करें, ताकि फसल पर इसका बुरा असर न पड़े।
7. कटाई (Harvesting)
लहसुन की फसल लगभग 6-7 महीने में तैयार हो जाती है। जब लहसुन के पौधों की पत्तियाँ पीली और सूखी होने लगती हैं, तब यह फसल पकने के संकेत होते हैं। लहसुन की कलियों को बाहर से खींचकर उखाड़ें और फिर उन्हें धूप में अच्छे से सुखा लें। सूखने के बाद इनका भंडारण किया जा सकता है।
8. संग्रहण (Storage)
लहसुन को सूखने के बाद ठंडी, सूखी और हवादार जगह पर संग्रहित करें। इससे लहसुन लंबे समय तक खराब नहीं होता। अगर आप इसे अगले सीजन के लिए बीज के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसे सुरक्षित रखें और ध्यान रखें कि वह सड़ा न हो।
निष्कर्ष:
लहसुन की खेती एक लाभकारी और आसान प्रक्रिया है, अगर आप सही तरीका अपनाते हैं। भूमि की सही तैयारी, अच्छे बीज का चयन, सही समय पर बुवाई और नियमित देखभाल से आप आसानी से एक अच्छी लहसुन की फसल उगा सकते हैं।