सोयाबीन बाजार रिपोर्ट – 23 जून 2025: भाव में मजबूती के संकेत, लेकिन सतर्क रहें किसान भाई!

नमस्कार किसान साथियों और व्यापारी भाइयों,

सोयाबीन का बाजार इस समय एक दिलचस्प मोड़ पर खड़ा है। बीते हफ्ते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कई ऐसे संकेत मिले हैं, जो आने वाले दिनों में बाजार की दिशा को तय कर सकते हैं। चाहे बात वैश्विक तेल बाजार की हो या भारत में सोयाबीन की बुवाई की – हर चीज़ का असर साफ-साफ मंडियों में दिखाई दे रहा है।

🛢️ वैश्विक स्तर पर क्या चल रहा है?

मलेशिया का पाम ऑयल फ्यूचर (KLCE CPO) इस हफ्ते हल्की गिरावट के साथ खुला लेकिन अब स्थिरता की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। वैश्विक बाजारों में इस समय ना तो कोई बहुत बड़ी तेजी है और ना ही कोई तेज गिरावट। यही कारण है कि भारतीय तेल बाजार भी आज स्थिर या हल्के-फुल्के उतार-चढ़ाव के साथ काम कर रहा है।

🚢 आयातित तेलों की आपूर्ति में बाधा

कांडला पोर्ट जैसे प्रमुख बंदरगाहों पर आयातित तेलों का स्टॉक सीमित है। इसका सीधा असर घरेलू क्रशिंग यूनिट्स पर पड़ रहा है, जिन्हें ऊंचे रेट पर खरीद करनी पड़ रही है। जब बाहर से तेल कम आ रहा है, तो घरेलू बीजों की मांग अपने आप बढ़ रही है – और यही एक बड़ा कारण है कि सोयाबीन में भाव टिके हुए हैं।

🌾 देश में बुवाई की स्थिति

महाराष्ट्र में अब तक 3.22 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में 83% ज्यादा है। मध्य प्रदेश में भी मानसून समय से पहले पहुंच गया है, जिससे वहां के किसान भी बुवाई में तेजी से लगे हुए हैं। यह संकेत देता है कि इस बार उत्पादन अच्छा हो सकता है – लेकिन यह भी ध्यान देने की बात है कि शुरुआती बुवाई वाले किसान बाद में भाव गिरने की चिंता कर सकते हैं।

📈 मंडियों में भाव का हाल

पिछले हफ्ते देश की कई प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के भाव में ₹50 से ₹75 प्रति क्विंटल तक की तेजी देखी गई। आज भी कई मंडियों में रेट ₹4550 के ऊपर टिके हुए हैं। हालांकि यह अब भी सरकारी MSP से नीचे हैं, जिससे किसानों में थोड़ी नाराजगी है। इसी के चलते सरकार से ड्यूटी दोबारा बढ़ाने की मांग तेज हो रही है ताकि घरेलू तेल बीजों को बढ़ावा मिले।

🧾 सरकार की नीति और संभावनाएं

अगर अगस्त या सितंबर तक सरकार कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ा देती है, तो इसका सीधा फायदा सोयाबीन जैसे बीजों को मिलेगा। इससे घरेलू बाजार में भाव बढ़ सकते हैं और किसान भाइयों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

🧠 तकनीकी संकेत क्या कहते हैं?

तकनीकी रूप से देखें तो:

  • महाराष्ट्र के कीर्ति प्लांट में सोयाबीन का भाव ₹4650 के आसपास है।
  • अगर यह स्तर मजबूती से पार हो जाता है और टिकता है, तो ₹5000 तक का लक्ष्य भी देखा जा सकता है।
  • चूंकि स्टॉक सीमित हैं और त्योहारी सीजन भी आने वाला है, बाजार में धीरे-धीरे रैली देखने को मिल सकती है।

💡 व्यापारियों के लिए सलाह

जो व्यापारी पहले से स्टॉक लेकर बैठे हैं, उनके लिए यह समय मुनाफा कमाने का हो सकता है – लेकिन नई खरीदारी करने वालों को थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। बाजार अभी सपोर्टिव जोन में जरूर है, लेकिन किसी भी समय geopolitical (ईरान-इजरायल तनाव जैसे) कारणों से बाजार में उथल-पुथल आ सकती है।

👉 एक और बात – अगर ईरान और इजरायल के बीच कोई समझौता होता है, तो बाजार में करेक्शन यानी गिरावट भी आ सकती है। इसलिए संयम से काम लें।


📊 आज के प्रमुख मंडी रेट (उदाहरण स्वरूप):

मंडी का नामन्यूनतम भाव (₹/क्विंटल)अधिकतम भाव (₹/क्विंटल)
इंदौर मंडी44504620
लातूर मंडी44804660
नागपुर मंडी44004600
बुरहानपुर मंडी45004700

नोट: ये भाव अनुमानित हैं और मंडियों में वास्तविक भाव समय और क्वालिटी के अनुसार बदल सकते हैं।


📣 निष्कर्ष – क्या करें किसान और व्यापारी?

  • किसान भाई अगर अभी माल स्टोर करके रख सकते हैं, तो कुछ हफ्तों का इंतज़ार करने से भाव बेहतर मिल सकते हैं।
  • व्यापारी भाइयों को सलाह है कि ऊपरी स्तरों पर नई खरीद से बचें और मौजूदा स्टॉक को धीरे-धीरे निकालें।
  • अगर सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाया तो तेजी और मजबूत हो सकती है।
  • लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपूर्ति सामान्य हुई और तनाव कम हुआ, तो बाजार में करेक्शन संभव है।

✅ अंतिम बात – संयम ही सबसे बड़ा मंत्र

सोयाबीन का बाजार इस समय उम्मीदों और असमंजस के बीच झूल रहा है। लेकिन जो भी किसान या व्यापारी समझदारी से कदम बढ़ाएगा, वह इस स्थिति में भी लाभ पा सकता है। बाजार भाव पर नजर रखें, सरकारी फैसलों की अपडेट लेते रहें और जल्दीबाजी से बचें।

जय जवान – जय किसान!

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