Wheat Market Report : आवक, मौसम, सरकारी खरीद और आगे की दिशा

तेज आवक के बाद मौसम ने बदली चाल
किसान और व्यापारी भाइयो, पिछले 10-15 दिनों तक देशभर की प्रमुख मंडियों में नई फसल की तीव्र आवक के चलते गेहूं की कीमतों में दबाव बना हुआ था। हालांकि बीते सप्ताह उत्तर भारत के कई गेहूं उत्पादक राज्यों-पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश और आंधी के चलते बाजार की दिशा में बदलाव देखने को मिला है। कई स्थानों पर खुले में रखी फसल भीग गई, जिससे गुणवत्ता प्रभावित हुई है। इसके साथ ही मंडियों में आवक में भी कमी देखी जा रही है, जिससे कीमतों में तेजी दर्ज की गई है।

विशेष रूप से पंजाब की मंडियों में बारिश का सबसे अधिक प्रभाव रहा, जहां तेज हवाओं और जलभराव के कारण मंडी संचालन और उठाव दोनों ही बाधित हुए।

निजी कंपनियों की खरीद बनी बड़ी ताकत
बाजार में निजी कंपनियों जैसे अडानी, आईटीसी और ब्रिटानिया की ओर से ऊँचे रेट पर खरीद जारी है। यही कारण है कि कई मंडियों में गेहूं की कीमतें एमएसपी से करीब 9% ऊपर चल रही हैं। इन कंपनियों द्वारा ऊँचे भावों पर की जा रही खरीद और मौसम जनित आपूर्ति बाधा के चलते बीते सप्ताह गेहूं की कीमतों में ठोस तेजी आई है।

पंजाब में सरकारी खरीद धीमी, निजी व्यापार सक्रिय
पंजाब में इस साल गेहूं की पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर है, लेकिन इसके बावजूद सरकारी खरीद में पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट आई है। 8 मई 2025 तक, पंजाब सरकार ने 116.29 लाख टन गेहूं खरीदा है, जो पिछले साल के 119.36 लाख टन से 3.07 लाख टन कम है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि निजी व्यापारी किसानों को एमएसपी से ऊपर रेट ऑफर कर रहे हैं, जिससे किसान सीधे मंडियों में निजी कंपनियों को गेहूं बेचने लगे हैं।

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारी खरीद मजबूत
मध्य प्रदेश ने इस साल खरीदी में शानदार वापसी करते हुए अब तक 76.10 लाख टन गेहूं खरीद लिया है, जो केंद्र सरकार के संशोधित लक्ष्य 70 लाख टन से भी अधिक है। वहीं उत्तर प्रदेश ने भी 8 मई तक 9.26 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद कर ली है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी बेहतर है। राज्य में गेहूं की खरीद 15 जून तक जारी रहेगी।

गेहूं के बाजार का रुझान और आगे की संभावना
दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में 3 मई को गेहूं का भाव ₹2670 प्रति क्विंटल पर खुला था और 11 मई को ₹2765 तक पहुंच गया, यानी एक सप्ताह में ₹95 की तेजी देखी गई। व्यापारियों
का मानना है कि यदि मांग ऐसी ही बनी रही, तो कीमतों में ₹25 से ₹50 प्रति क्विंटल की और तेजी संभव है। हालांकि 100 रुपये की तेजी के बाद एक बार मुनाफावसूली भी आएगी।

इसके अलावा सरकारी नियंत्रण और मंशा को देखें तो ज्यादा तेजी निकट भविष्य में नहीं दिखती। सरकार बढ़ चढ़ कर गेहूं खरीद कर रही है। इसलिए जब आने वाले समय में गेहूं का बाजार तेज होगा तो इस खरीदे गेहूं को बाजार में उतार दिया जाएगा और तेजी को रोकने की कोशिश होगी। टेक्निकल को देखें बाजार को और तेज होने के लिए 2700 के स्तर के ऊपर होल्ड करना होगा। यदि मौसम साफ होने के साथ-साथ आवक बढ़ती है तो बाजार 25-50 तक नीचे भी जा सकते हैं। ओवर ऑल ट्रेंड यही है कि आने वाले दिनों में भाव स्थिर या थोड़ी तेजी मंदी के साथ रह सकते हैं। बड़ी तेजी के लिए अभी बड़ा इंतजार करना होगा। व्यापार अपने विवेक से करें

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