कब आयेंगे सोयाबीन के बाजार के अच्छे दिन – रिपोर्ट

किसान साथियो और व्यापारी भाइयों लंबे समय से मंडी के दलदल में फंसे हुए सोयाबीन के बाजार के लिए एक और अच्छी खबर सामने आई है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 1 मई 2025 तक भारत में सोयाबीन का कुल स्टॉक घटकर 48.35 लाख टन रह गया है, जो पिछले साल इसी अवधि में 55.41 लाख टन था। यह जानकारी सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) द्वारा जारी ताज़ा अनुमान में दी गई है।

SOPA के अनुसार, इनमें से 29.66 लाख टन स्टॉक व्यापारियों और किसानों के पास है, जबकि 18.69 लाख टन स्टॉक सरकारी एजेंसियों जैसे नैफेड (13.19 लाख टन) और एनसीसीएफ (5.5 लाख टन) के पास जमा है।

खरीफ 2024 सीजन में सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (MSP ₹4,892/क्विंटल) के तहत 19.96 लाख टन सोयाबीन की खरीद की थी, जबकि कुल स्वीकृत मात्रा 33.90 लाख टन थी।
क्रशिंग और उत्पादन स्थिर, निर्यात हल्का बढ़ा
अप्रैल 2025 में देश में सोयाबीन की क्रशिंग 9.5 लाख टन रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि जितनी ही है। इस दौरान बाजार में आवक भी थोड़ा बढ़कर 5.5 लाख टन हो गई, जो पिछले वर्ष 5 लाख टन थी।

सोया मील उत्पादन 7.5 लाख टन पर स्थिर रहा। अप्रैल माह में इसका निर्यात 2.14 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष (1.76 लाख टन) से थोड़ा अधिक है। घरेलू फीड सेक्टर की मांग घटकर 4.5 लाख टन (पिछले वर्ष 5 लाख टन) रही, जबकि फूड सेक्टर की मांग 0.6 लाख टन पर स्थिर रही। मई की शुरुआत में मील स्टॉक 1.36 लाख टन आंका गया है।

निर्यात में यूरोप की पकड़ मजबूत
तेल वर्ष 2024-25 (अक्टूबर-अप्रैल) के दौरान भारत से सबसे अधिक सोया मील जर्मनी (2.12 लाख टन) और फ्रांस (1.61 लाख टन) ने खरीदा। नेपाल (1.37 लाख टन), बांग्लादेश (1.24 लाख टन), और नीदरलैंड (1.03 लाख टन) अन्य प्रमुख खरीदार रहे। भले ही भारतीय सोया मील की कीमत अमेरिका और अर्जेंटीना जैसे देशों की तुलना में अधिक हो, फिर भी यह 68 से अधिक देशों में निर्यात किया गया है क्योंकि यह गैर-GMO श्रेणी का है।

मंडियों में कमजोर मांग के चलते अब भी सोयाबीन के भाव MSP से नीचे बने हुए हैं। बुधवार को मध्य प्रदेश की मंडियों में मॉडल रेट ₹3,900 से ₹4,550 प्रति क्विटल के बीच रहा। मुख्य मंडियों की बात करें तो अमरावती में सोयाबीन का रेट 4250 खामगांव में 4350 दरियापुर में 4270 उदगीर में 4280 बार्शी में 4275 लातूर में 4410 विदिशा में 4425 और दमोह मंडी में 4250 रुपये प्रति क्विंटल तक के रेट सोयाबीन में देखने को मिले हैं

सोयाबीन में आगे क्या
कुल मिलाकर माहौल यह है कि कि सोयाबीन की उपलब्धता अच्छी बनी हुई है, उपर से मांग कमजोर रहने और भाव फ़िलहाल MSP से नीचे बने बने हुए हैं। विदेशी बाजारो में सोयामील के भाव बहुत सस्ते हैं जिसके कारण इसकी डिमांड नहीं निकल रही है जिसका बाजार पर अतिरिक्त दबाव है। हालांकि अप्रैल महीने से सोयामील के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है जिससे निर्यात की दिशा में सकारात्मक रुझान बना है। घरेलू बाजार में सोया तेल के भाव अन्य तेलों को मुकाबले काफी सस्तै चल रहे हैं। संभव है कि यहां पर सोया तेल की डिमांड निकल सकती है। जिससे आगे चलकर कुछ स्थिरता आ सकती है। मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि अगर करती प्लांट पर सोयाबीन का रेट इस महीने 4500 के स्तर को होल्ड कर जाता है तो जल्दी ही 4800 तक के भाव होने का रास्ता खुल सकता है। व्यापार अपने विवेक से करें।

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