क्या और गिरेंगे सोयाबीन के भाव | जाने इस रिपोर्ट मे

सोयाबीन बाजार में कमजोरी जारी: विदेशी संकेतों और कमजोर मांग का असर

किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, हाल ही में सोयाबीन बाजार में लगातार कमजोरी देखने को मिल रही है। विदेशी बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों और प्लांटों की तरफ से मांग में आई सुस्ती के चलते सोयाबीन की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

अमेरिका से खबर है कि बायोफ्यूल ब्लेंडिंग में वह तेजी नहीं आ रही जिसकी उम्मीद की जा रही थी। इस कारण CBOT (शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड) पर सोया तेल के दाम एक ही दिन में करीब 6% तक गिर गए। इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है और कीर्ति प्लांट पर सोयाबीन की कीमत घटकर 4540 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गई है। जबकि हाल ही में यही रेट 4900 रुपए तक पहुंच गए थे।

यह तेजी उस समय आई थी जब चीन से बढ़ती मांग की उम्मीद की जा रही थी। उस वक्त मंडी मार्केट मीडिया ने चेताया था कि अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होता है, तो भारतीय बाजार में सोयामील की कीमतों पर असर पड़ सकता है – और अब यही होता दिख रहा है।

सोयामील के भाव 25 अप्रैल को 33,000 रुपए प्रति टन थे, जो अब गिरकर 29,000 से नीचे आ गए हैं। केवल कल के दिन ही सोयामील में 500 से 1000 रुपए प्रति टन तक की गिरावट दर्ज की गई, वहीं सोया तेल में भी 2-3 रुपए प्रति किलो की कमी देखी गई।

हालांकि, राहत की बात यह है कि नाफेड ने 14 मई को आई सभी बोलियों को खारिज कर दिया है। इससे संकेत मिलता है कि वह घटे हुए भाव पर बिक्री के पक्ष में नहीं है। इस फैसले ने फिलहाल बड़ी गिरावट की आशंका को कुछ हद तक कम कर दिया है।

बावजूद इसके, अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों के चलते पक्के माल की डिमांड दबाव में है। इससे बाजार में कोई बड़ी तेजी आने की संभावना भी सीमित है। हालांकि भारतीय बंदरगाहों पर पाम तेल का स्टॉक चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है, जो बाजार को कुछ सपोर्ट दे सकता है।

अब नजर इस बात पर होगी कि कीर्ति प्लांट पर सोयाबीन का भाव 4500 रुपए के स्तर को होल्ड कर पाता है या नहीं। अगर यह सपोर्ट बना रहता है तो बाजार में फिर से स्थिरता आ सकती है। लेकिन यदि यह स्तर टूटता है तो भाव 4300 रुपए तक फिसल सकते हैं।

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