
किसान और व्यापारी भाइयों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट: भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और सोयाबीन बाजार पर इसका असर
प्रिय किसान साथियों और व्यापारी भाइयों, हाल ही में अमेरिका ने 75 देशों पर लगने वाले टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। इस फैसले ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता का रास्ता खोल दिया है। सूत्रों के अनुसार, इस वार्ता में अमेरिका भारत से अपने कुछ कृषि उत्पादों, खासकर सोयाबीन और मक्का, पर आयात शुल्क में कमी की मांग कर सकता है। इसका कारण यह है कि चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% तक का भारी-भरकम टैक्स लगा दिया है, जिससे अमेरिका का सोयाबीन निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
चीन अब ब्राजील और अर्जेंटीना जैसे देशों से सोयाबीन की खरीदारी बढ़ा सकता है, लेकिन अमेरिका के लिए इतना बड़ा बाजार ढूंढना आसान नहीं है। ऐसे में भारत अमेरिका के लिए एक आकर्षक विकल्प बनकर उभर रहा है। हालांकि, भारत ने लंबे समय से GM (जेनेटिकली मॉडिफाइड) फसलों के आयात पर सख्त प्रतिबंध लगाए हुए हैं। अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है कि वह GM सोयाबीन पर पाबंदी हटाए या कम से कम आयात शुल्क में राहत दे। भारत इस मुद्दे पर अब तक सतर्क रुख अपनाता रहा है, लेकिन नई वार्ता में वह सेब, चेरी, नट्स और वाइन जैसे कुछ उत्पादों पर टैरिफ में छूट देने पर विचार कर सकता है।
GM फसलों का मुद्दा भारत में पहले से ही विवादास्पद रहा है। ऐसे में सरकार के लिए इनके आयात की अनुमति देना आसान नहीं होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार GM फसलों पर प्रतिबंध को पूरी तरह हटाने के बजाय कुछ अन्य उत्पादों पर रियायत देकर संतुलन बनाने की कोशिश कर सकती है।
सोयाबीन बाजार पर क्या होगा असर?
अगर अमेरिका से सस्ता सोयाबीन और उसके उत्पाद भारतीय बाजार में आने लगे, तो घरेलू सोयाबीन के भाव पर दबाव पड़ सकता है। वर्तमान में कीर्ति प्लांट पर सोयाबीन का भाव ₹4900 प्रति क्विंटल को पार कर चुका है। बीते एक हफ्ते में इसमें ₹300 की शानदार तेजी देखी गई है। बाजार जानकारों का कहना है कि अगर यह स्तर बना रहता है, तो सोयाबीन के भाव जल्द ही ₹5000 तक पहुंच सकते हैं।
नाफेड के पास सोयाबीन का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है, लेकिन अभी तक उसने बिकवाली शुरू नहीं की है। अगर बाजार में MSP से ऊपर रेट बने रहते हैं, तो नाफेड की ओर से बिकवाली की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। फिर भी, जब तक चीन और अमेरिका के बीच कोई बड़ा व्यापारिक समझौता नहीं होता या नाफेड स्टॉक की बिक्री शुरू नहीं करता, तब तक बाजार में बड़ी गिरावट की आशंका कम है।
व्यापारियों और किसानों के लिए सलाह
मंडी मार्केट से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा तेजी का फायदा उठाने के लिए आंशिक मुनाफा वसूली एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जो व्यापारी और किसान अधिक जोखिम लेने को तैयार हैं, वे ₹5000 के लक्ष्य तक होल्ड करने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, बाजार में हमेशा अपने विवेक और जोखिम प्रबंधन के आधार पर ही निर्णय लें।
निष्कर्ष
भारत-अमेरिका के बीच होने वाली व्यापार वार्ता न केवल कृषि क्षेत्र, बल्कि मंडी बाजार और किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। सोयाबीन के भाव में मौजूदा मजबूती बरकरार रहने की उम्मीद है, लेकिन वैश्विक व्यापारिक बदलावों पर नजर रखना जरूरी होगा। सतर्कता और सूझबूझ के साथ लिए गए फैसले आपको इस अस्थिर बाजार में बेहतर परिणाम दे सकते हैं।
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