Neemuch Mandi Lahsun Bhav : लहसुन 6 दिसंबर को हुई नरम यहां क्लिक करके देख भाव नीमच मंडी

Neemuch Mandi Lahsun Bhav : किसान भाइयों आज हम नीमच मंडी में आने वाले लहसुन के भाव के बारे में जाने वाले हैं ।

Neemuch Mandi Lahsun Bhav
Neemuch Mandi Lahsun Bhav

किसान भाइयों आज 6 दिसंबर हो चुका है आज के दिन नीमच मंडी में लहसुन नरम देखने को मिली है कल के दिन भी लहसुन नरम हुई थी और आज के दिन भी लहसुन में गिरावट देखने को मिली है हम आपको इस आर्टिकल में आज नीमच मंडी में आने वाली लहसुन के भाव के बारे में जानकारी देने वाले हैं तो किसान भाइयों आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े इसके अंदर हमने बाजार के साथ-साथ आवक और बढ़िया माल ऊपर में क्या भाव बिका है इसके बारे में भी जानकारी दे दी गई है ।

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Today Lahsun Bhav Aaj Ka

देसी लहसुन 

आवक 6,500 + बोरी
देसी लहसुन ऊपर में बढ़िया माल 26,500 तक

लहसुन बाजार नरम

चालनसार मॉल13000 से14000
छर्री मॉल.15000 से16000
मीडियम लड्डू माल.20000 से21000
लड्डू माल21500 से22000
मोटा माल 23000 से24000
फूल गोल माल26000 से27000
 स्पेशल मॉल28000 से29000
बॉक्स क्वालिटी मॉल29000 से29500

किसान भाइयों मैंने आपको बता दिया है नीमच मंडी में आज देसी लहसुन ऊपर में क्या भाव बिकी है और यहां पर आज बाजार कैसा रहा है इसके बारे में जानकारी दे दी है धन्यवाद ।

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लहसुन की खेती कैसे करें?

लहसुन की खेती भारतीय कृषि में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह मसालों और औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती जा रही है। लहसुन की खेती सही समय, स्थान और तकनीक से की जाए तो यह अच्छा उत्पादन दे सकता है।

भूमि का चुनाव:
लहसुन की खेती के लिए उपजाऊ, अच्छे जल निकासी वाली भूमि का चयन करें। दोमट या बलुई-दोमट मिट्टी इसके लिए उपयुक्त रहती है। pH स्तर 6-7 के बीच होना चाहिए।

मौसम:
लहसुन ठंडे मौसम का पौधा है। इसकी सबसे अच्छी खेती सर्दियों के मौसम में होती है। औसतन 15-25°C तापमान लहसुन के लिए आदर्श होता है।

बीज:
लहसुन का बीज उसके कलियों से लिया जाता है। बीज के लिए ताजे और स्वस्थ कली का चयन करना जरूरी है। प्रत्येक कली से एक नया पौधा उगता है, इसलिए गुणवत्तापूर्ण बीज का चयन उत्पादन में वृद्धि करता है।

विभाजन और रोपाई:
लहसुन की कलियों को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित करें और इन्हें एक-एक इंच की दूरी पर गड्ढों में लगाएं। रोपाई के समय यह सुनिश्चित करें कि कली का सिरा ऊपर की ओर हो।

सिंचाई:
लहसुन को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन सूखा भी नहीं पड़ना चाहिए। नियमित अंतराल पर सिंचाई की जरूरत होती है। अधिक पानी से जड़ सड़ने का खतरा रहता है।

खाद और उर्वरक:
लहसुन को अच्छी बढ़वार के लिए खाद की जरूरत होती है। फास्फोरस, पोटाश और नाइट्रोजन की सही मात्रा का प्रयोग करें। जैविक खाद जैसे गोबर की खाद का प्रयोग फायदेमंद रहता है।

निराई और गुड़ाई:
खेत में उगने वाली घास को समय-समय पर साफ करना चाहिए, ताकि लहसुन को सही पोषण मिले। यह निराई और गुड़ाई का काम हर 20-25 दिन में करना चाहिए।

कटाई:
लहसुन की फसल लगभग 5-6 महीने में तैयार हो जाती है। जब पत्तियां पीली पड़ने लगें और तने सूखने लगे, तब फसल की कटाई करनी चाहिए।

इस तरह, उचित देखभाल और तकनीकी ज्ञान से लहसुन की अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है, जो न केवल किसान की आय बढ़ाता है, बल्कि मसाले और औषधि उद्योग में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

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